एक बार तीन बायेला बिदेस चलग्या। तीनू मलर कुमाबा लागग्या। नरां दना पाछै वै वां पीसा नै बांट्या तो 25 रफ्या बचग्या। अब 25 रफ्या नै तीन भागां मै कियां बांटै। वै तीनू सरत रांख्यां कै जे सबसूं चोखी झूंट बोलैलो वोई यां 25 रफ्या नै लेलो।
पहलो बोल्यो, म्हारा दादा का, दादा का, दादा कै खनै अतरो बडो बांस छो कै वो आम्बर मै ठेकलो करर पाणी पीवै छो। वै दोनी बोल्या, है सकै छै क्यूंकि पैल्यां का आदमी अतराई बलवान छा। थारी बात सच भी है सकै छै।
अब दूसरो बोल्यो, म्हारी दादी की, दादी की, दादी कै अतरो बडो चोक छो कै ऊँमै सगळा देस का लोग-लुगाई समां जावै छा। वै दोनी बोल्या या बात भी सच है सकै छै। क्यूंकि पैल्यां का आदमी अतरी ई जमी रोकै छा।
अब तीसरा की बारी आई तो वो बोल्यो कै, म्हारा दादा को, दादा को, दादो मर्यो नै जद्‌यां घणो जोर को काळ पड़्यो छो। अब ऊँनै मुसाणा मै सुंवाणर लकड़्यां लगाया जतरै, ऊँका मूण्डा मै सूं नखळेड़ा पाणी सूं 10 बीघा जमी भीजगी छी। जद ऊँको चाल-चलावो करर म्हारा घरका ऊँ भीजेड़ी जमी मै बाजरो फांक दिया। जिमै सो मण बाजरो हियो छो, जिमै सूं तीस मण थांकै (पहला का घरका) तीस मण थांकै (दूसरा का घरका) नै दिया छा अर चाळीस मण म्हांकै रांख्या छा। अब अगर ईं बात नै सांच मानै छै, तो तीस मण बाजरो देणो पड़ै छै अर ईनै झूंट मानै छै, तो 25 रफ्या देणा पड़ै छै अब वानै 25 रफ्या तीसरा आदमी नै देणाईं पड़्या।

सीख:- कद्‍यां भी झूंट पै बसवास मत करो।