1.  

अंकुस लगाबो।

अर्थ:- रोक लगाना।

वाक्य में प्रयोग :- बनवारी कोट मै जार मदन का काम कै अंकुस लगा दियो।

  1.  

अंग-अंग टूटबो।

अर्थ:- थकावट से शरीर में दर्द होना।

वाक्य में प्रयोग :- काल जगदीस सारै दन डोळी दियो जिसूँ, आज तो ऊँका अंग-अंग ही टूटर्या छै।

  1.  

अंग-अंग ढीला हैबो।

अर्थ:- बहुत थक जाना।

वाक्य में प्रयोग :- बनात मै मोटा-मोटा भाटा पटकबा सूँ, म्हारा तो अंग-अंग ही ढीला हैग्या।

  1.  

अंग-अंग राजी हैबो।

अर्थ:- बहुत प्रसन्न होना।

वाक्य में प्रयोग :- राजाराम की नोकरी लागबा सूँ ऊँका दादा का अंग-अंग ही राजी हैग्या।

  1.  

अन्देरा घर को उजाळो हैबो।

अर्थ:- इकलौती सन्तान

वाक्य में प्रयोग :- सोपाल कै बुडापा मै जातोर अन्देरा घर को उजाळो हियो छै।

  1.  

अपणी-अपणी खिचड़ी पकाबो।

अर्थ:- अलग-थलग रहना, किसी के सुख-दुःख में सहभागी न होना।

वाक्य में प्रयोग :- कपिल अर बिजेन्दर जेपर मै, अपणी-अपणी खिचड़ी पकावै छै।

  1.  

आँख को काँटो हैबो।

अर्थ:- बुरा लगना।

वाक्य में प्रयोग :- कसोर खरी बात खहबा मैर, वो सगळाँ की आँख्याँ को काँटो हैग्यो।

  1.  

आँख्याँ खुलबो।

अर्थ:- सचेत होना।

वाक्य में प्रयोग :- पहलाद का सारा धन नै, ऊँका भाई हड़प लिया, जद जातीर ऊँकी आँख्याँ खुली छै।

  1.  

ईद को चाँद हैबो।

अर्थ:- बहुत दिनों बाद दिखाई देना।

वाक्य में प्रयोग :- आज-काल तो गोकल ईद को चाँद ई हैग्यो।

  1.  

ऊँळी-सूँळी करबो।

अर्थ:- चुगली करना।

वाक्य में प्रयोग :- छोगाराम की लुगाई दोराणी की ऊँळी-सूँळी करती फरै छै।

  1.  

उडती चड़ी नै पचाणबो।

अर्थ:- मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना

वाक्य में प्रयोग :- जगदीस नै कोई भी धोखो न दे सकै, वो उडती चड़ी नै पचाण लै छै।

  1.  

एक आँख सूँ देखबो।

अर्थ:- सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना

वाक्य में प्रयोग :- माड़साब इसकूल मै सगळा छोरा-छोर्यां नै एक आँख सूँ देखै छै।

  1.  

एडी सूँ चोटी तक को जोर लगाबो।

अर्थ:- खूब परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- गीता दसवीं मै पास हैबा बेई एडी सूँ चोटी तक को जोर लगादी।

  1.  

ओखळी मै माथो देबो।

अर्थ:- जान-बूझकर परेशानी में फँसना

वाक्य में प्रयोग :- मनोज पुलिसाळा सूँ लड़र ओखळी मै माथो दे दियो।

  1.  

ओराई ल्याबो।

अर्थ:- बुराई लेकर आना।

वाक्य में प्रयोग :- दयाराम नतकई दनियाँ की ओराई लेर आवै छै।

  1.  

कोतकाँ को घर हैबो।

अर्थ:- लड़ाई-झगड़ा या शैतानी ताकत का होना।

वाक्य में प्रयोग :- रघुनाथ तो याँ सब छोराँ मै, कोतकाँ को घर छै।

  1.  

खण्ड-खण्ड को पाणी पीबो।

अर्थ:- हर प्रकार का अनुभव होना

वाक्य में प्रयोग :- जगदेव खण्ड-खण्ड को पाणी पीयेड़ो छै, वो ठगबा मै कोन आवै।

  1.  

गोळ मेळ करबो।

अर्थ:- गड़बड़ करना

वाक्य में प्रयोग :- कालूराम, सेठ का सारा स्याब नै, गोळ मेळ कर दियो।

  1.  

घर खोखो हैबो।

अर्थ:- बहुत गरीब होना।

वाक्य में प्रयोग :- नतकई दारू पीबा सूँ सुरेस को घर खोखो हैग्यो।

  1.  

चूला का रोस परिण्डा पै काडबो।

अर्थ:- किसी और का दोष दूसरे पर थोपना।

वाक्य में प्रयोग :- तारा, घरका धणी की लड़ाई मै छोरा-छोर्यां नै कूटर चूला का रोस परिण्डा पै काडली।

  1.  

च्यार चाँद लगाबो।

अर्थ:- शोभा बढ़ाना।

वाक्य में प्रयोग :- मीरा ऊँका देवर का ब्याव मै गळा मै हार पैरर च्यार चाँद लगा दी।

  1.  

छाती पै भाटो धरबो।

अर्थ:- कठोर ह्रदय करना।

वाक्य में प्रयोग :- सोपाल को दादो मर्यो जद्‌याँ, वो छाती पै भाटो धर लियो छो।

  1.  

छाती पै मूँग दळबो।

अर्थ:- किसी को कष्ट देना

वाक्य में प्रयोग :- सोजी की लुगाई तो सगळा घरकाँ की छाती पै मूँग दळै छै।

  1.  

जूता चाटबो।

अर्थ:- चापलूसी करना।

वाक्य में प्रयोग :- छोगाराम ऊँका दादा का नुक्‍ता मै पाँचू नै मनाबा कै तोड़ी ऊँका घणा जूता चाट्यो छो।

  1.  

ज्यान पै खेलबो।

अर्थ:- साहसपूर्ण कार्य करना

वाक्य में प्रयोग :- पहलाद कुस्ती करबा मै ज्यान पैई खेलै छै।

  1.  

झक मारबो।

अर्थ:- विवश करना।

वाक्य में प्रयोग :- हीरालाल की गाडी पंचर हैगी, ऊँनै झक मारर पाळो जाणो पड़्यो।

  1.  

ठोकर खाबो।

अर्थ:- हानि उठाना।

वाक्य में प्रयोग :- राजाराम, बचोल्या का चक्‍कर मै आर पडेड़ी छोरी नै अणपड छोरा कै पण्णार ठोकर खाग्यो।

  1.  

डकार जाबो।

अर्थ:- हड़प लेना

वाक्य में प्रयोग :- छीतर कै जमी नांव न हैबा मैर ऊँको बडो भाई, ऊँकी सारी जमी नै डकारग्यो।

  1.  

तुलबाळी बात खैबो।

अर्थ:- उचित न्याय करना।

वाक्य में प्रयोग :- मदन गाँव की पंचायत मै तुलबाळी बात खै दियो।

  1.  

तेल नखाळबो।

अर्थ:- खूब कसकर काम लेना

वाक्य में प्रयोग :- घासीराम छत भरबा मै सारा बेलदाराँ को तेल नखाळ दियो।

  1.  

थूँक लगार तल बीणबो।

अर्थ:- बहुत गरीब होना।

वाक्य में प्रयोग :- गल्‍लू की लुगाई बेमार हैगी, वो तो पैली ई थूँक लगार तल बीणर्यो छो।

  1.  

दो बसवा परेम हैबो।

अर्थ:- मधुर सम्बन्ध होना।

वाक्य में प्रयोग :- करसण अर लछमण कै बाळपणा सूँईं दो बसवा परेम छो।

  1.  

धण्‍ण ठकाणै लागबो।

अर्थ:- बर्बाद होना।

वाक्य में प्रयोग :- मुरारी की एक छोरी को ब्याव करबा मैईं धण्‍ण ठकाणै लाग्गी।

  1.  

धाक जमाबो।

अर्थ:- रोब जमाना

वाक्य में प्रयोग :- हरजी सरपंच बणबा मैर सारा गाँव मै धाक जमा लियो।

  1.  

नीत बगाड़बो।

अर्थ:- बेईमानी करना।

वाक्य में प्रयोग :- गोपाल न्यारो हियो जद्‍याँ, ऊँका भाई सूँ छोटी-सी चीज पैई नीत बगाड़ लियो छो।

  1.  

पगाँ पड़बो।

अर्थ:- क्षमा याचना करना।

वाक्य में प्रयोग :- लालाराम ऊँका दादा का नुक्‍ता मै बलाबा बेई, नन्दलाल कै पगाँ पड़ग्यो छो।

  1.  

फूँक-फूँकर पग मेलबो

अर्थ:- सावधानी पूर्वक कार्य करना

वाक्य में प्रयोग :- परभात की गांव मै बदनामी हैबा मैर अब वो फूँक-फूँकर पग मेलै छै।

  1.  

बट्‍टो लागबो।

अर्थ:- कलंकित होना

वाक्य में प्रयोग :- छोगाराम को छोरो, ऊँका गाँव की छोरी नै लेर भागबा मैर ऊँका परिवार कै बट्‍टो लागग्यो।

  1.  

भण्डाफोड़ हैबो।

अर्थ:- भेद खुल जाना।

वाक्य में प्रयोग :- जरा-सी खिया-सुणी पैई जगदीस की रामू भण्डाफोड़ कर दियो।

  1.  

भर-भर मूण्डार आबो।

अर्थ:- आमदनी से अत्यधिक खर्च करना।

वाक्य में प्रयोग :- रामू की लुगाई कै तो भर-भर मूण्डार आरी छै, नतकई बजार मै सूँ लत्‍ता मोल लेर आवै छै।

  1.  

मन की मन मै रैबो।

अर्थ:- इच्छा पूरी न होना

वाक्य में प्रयोग :- पीसा न हैबा मैर गोपाल कै तो दुवाळी पै गाडी ल्याबा की मन की मन मैईं रहगी।

  1.  

राई को डूँगर बणाबो।

अर्थ:- बात का बतंगड़ बनाना

वाक्य में प्रयोग :- रामफूल की लुगाई तो जरा-सी बात नै राई को डूँगर बणा दी।

  1.  

रात-दन एक करबो।

अर्थ:- निरन्तर कठिन परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- मनोज नोकरी लागबा बेई रात-दन एक कर दियो छो।

  1.  

लाल-पीळो हैबो।

अर्थ:- क्रोधित होना।

वाक्य में प्रयोग :- राजकुमार तो जरा-सी गलती मैईं लुगाई पै लाल-पीळो हैग्यो।

  1.  

सोड़ कै बारै पग पसारबो।

अर्थ:- आमदनी से अधिक खर्च करना।

वाक्य में प्रयोग :- कजोड़ मकान बणाबा मै, ऊँकी सोड़ सूँ भी बारै पग पसार दियो।

  1.  

सोना की चड़ी हाथ सूँ नखळबो।

अर्थ:- लाभपूर्ण वस्तु से वंचित रहना

वाक्य में प्रयोग :- रामलाल ऊँका छोरा बेई नोकरी आळी बू ल्यातो पण ऊँ छोरी की सगाई दूसरी जगाँ हैबा मैर सोना की चड़ी हाथ सूँ नखळगी।

  1.  

हैंकड़ी नखाळबो।

अर्थ:- अभिमान चूर करना

वाक्य में प्रयोग :- रामोतार कबड्‍डी खेलबा मै रामनाथ की सारी हैंकड़ी नखाळ दियो।

  1.  

हजामत बान्दबो।

अर्थ:- पीटना।

वाक्य में प्रयोग :- गुल्‍लाराम की गाई सुरेस का खेत मै उजाड़ करबा सूं वो सुरेस की हजामत बान्द दियो।

  1.  

हाँसी को ख्याल समजबो।

अर्थ:- साधारण काम समझना।

वाक्य में प्रयोग :- डोळी देबो तो हंसराज हाँसी को ख्याल समजै छै।

  1.  

हाथ-धो बैठबो।

अर्थ:- खो देना

वाक्य में प्रयोग :- गंगाराम की ब्यावण भैंस पाणी मै डूबर मरबा मैर, वो भैंस सूँ हात-धो बैठ्यो।